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स्वच्छ भारत अभियान में शिक्षकों की भूमिका Posted: 25 May 2015 07:55 AM PDT 'स्वच्छ भारत अभियान ' भारत सरकार द्वारा प्रारंभ किया गया एक राष्ट्रीय स्तर का अभियान है, जिसका उद्देश्य गलियों, सड़कों तथा अधोसंरचना को साफ-सुथरा करना है। यह अभियान महात्मा गाँधी के जन्मदिवस 2 अक्टूबर, 2014 को आरम्भ किया गया। महात्मा गांधी ने अपने आसपास के लोगों को स्वच्छता बनाए रखने संबंधी शिक्षा प्रदान कर राष्ट्र को एक उत्कृष्ट संदेश दिया था। उन्होंने "स्वच्छ भारत" का सपना देखा था, जिसके लिए वह चाहते थे कि भारत के सभी नागरिक एक साथ मिलकर देश को स्वच्छ बनाने के लिए कार्य करें। महात्मा गांधी के स्वच्छ भारत के स्वप्न को पूरा करने के लिए, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने यह अभियान आरम्भ किया तथा इसके सफल कार्यान्वयन हेतु भारत के सभी नागरिकों से इस अभियान से जुड़ने की अपील की। इस अभियान की शुरुआत करते हुए प्रधानमंत्री ने विशेष जोर देते हुए कहा कि स्वच्छ भारत अभियान को देशभक्ति की भावना से जोड़कर देखा जाना चाहिए। भारत को स्वच्छ बनाने का काम किसी एक व्यक्ति या अकेले सरकार का नहीं है, यह काम तो देश के 125 करोड़ लोगों द्वारा किया जाना है जो भारत माता के पुत्र-पुत्रियां हैं। स्वच्छ भारत अभियान को एक जन आंदोलन में तब्दील करना चाहिए। लोगों को ठान लेना चाहिए कि वह न तो गंदगी करेंगे और न ही करने देंगे। इस अभियान का उद्देश्य अगले पांच वर्ष में स्वच्छ भारत का लक्ष्य प्राप्त करना है ताकि महात्मा गाँधी की 150वीं जयंती को इस लक्ष्य की प्राप्ति के रूप में मनाया जा सके। स्वच्छ भारत अभियान में सफाई करने की दिशा में प्रतिवर्ष 100 घंटे के श्रमदान के लिए लोगों को प्रेरित करता है। इस अभियान का उद्देश्य पांच वर्षों में भारत को खुले में शौच करने की प्रवृत्ति से मुक्त देश बनाना है। अभियान के तहत देश में लगभग 11 करोड़ से अधिक शौचालयों के निर्माण का लक्ष्य है। अभियान का उद्देश्य केवल आसपास की सफाई करना ही नहीं है अपितु नागरिकों की सहभागिता से अधिक-से अधिक पेड़ लगाना, कचरा मुक्त वातावरण बनाना, शौचालय की सुविधा उपलब्ध कराकर एक स्वच्छ भारत का निर्माण करना है। देश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए स्वच्छ भारत का निर्माण करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। शिक्षा जगत ने भी इस अभियान में अभूतपूर्व योगदान देते हुए सम्पूर्ण राष्ट्र के विद्यालयों में 25 सितंबर, 2014 से 31 अक्टूबर 2014 के मध्य 'स्वच्छ भारत-स्वच्छ विद्यालय अभियान' का सफलतापूर्वक आयोजन कर महत्वपूर्ण योगदान दिया। बच्चे बहुत अच्छे संदेशवाहक होते हैं और जनजागरूकता का काम भी करते हैं। स्वच्छ भारत अभियान को सफल बनाने में विद्यार्थियों एवं शिक्षकों की भूमिका महत्वपूर्ण सिद्ध हो सकती है। विद्यालयों के योगदान के बिना इस राष्ट्रीय कार्यक्रम के लक्ष्यों को प्राप्त करने में कठिनाई रहेगी, अतः हम शिक्षकों की भूमिका बहुत अहम् हो जाती है। स्वच्छता एक अभिवृत्ति है या आदत है। इसके लिए हमें नागरिकों को अभिवृत्ति में बदलाव के लिए प्रेरित करना होगा।इस हेतु हमें विद्यार्थियों, अभिभावकों व समुदाय के अन्य लोगों के साथ मिलकर काम करना होगा। विद्यालय के पास कई ऐसे अवसर होते हैं जिनके माध्यम से हम नागरिकों की स्वच्छता सम्बन्धी अभिवृत्ति में सकारात्मक परिवर्तन के लिए के लिए कार्य कर सकते हैं। हम विद्यालय की कई गतिविधियों के माध्यम से इस अभियान हेतु कई उत्कृष्ट कार्य सम्पादित कर सकते हैं, जिनमें से कुछ सुझाव निम्नांकित हैं-
प्रार्थना सभा में प्रतिदिन कम से कम एक विद्यार्थी का चयन कर उसको स्वच्छ विद्यार्थी के रूप में सम्मानित कर अन्य विद्यार्थियों को प्रेरित करना चाहिए। इसके लिए उसे स्वच्छ विद्यार्थी लिखा हुआ एक गुलाबी रंग का कपड़े का उपरना ओढ़ाया जा सकता है जिसे वह दिन भर पहने रहे। स्वच्छ कक्षा-कक्ष गतिविधि-प्रतिदिन किसी एक कक्षा-कक्ष का चयन कर उसको स्वच्छ कक्षा-कक्ष के रूप में घोषित करके अन्य कक्षा के विद्यार्थियों को भी अपने कक्षा-कक्ष को स्वच्छ रखने के लिए प्रेरित करना चाहिए। स्वच्छता शपथ-सभी विद्यार्थियों को निम्नलिखित स्वच्छता शपथ अवश्य दिलाएं- स्वच्छता शपथमहात्मा गांधी ने जिस भारत का सपना देखा था। उसमें सिर्फ राजनैतिक आजादी नहीं थी, बल्कि एक स्वच्छ एवं विकसित देश की कल्पना भी थी। महात्मा गांधी ने गुलामी की जंजीरों को तोड़कर मां भारती को आजाद कराया। अब हमारा कर्तव्य है कि गंदगी को दूर करके भारत माता की सेवा करें। - मैं शपथ लेता हूं कि मैं स्वयं स्वच्छता के प्रति सजग रहूंगा और उसके लिए समय दूंगा। - हर वर्ष 100 घंटे यानि हर सप्ताह दो घंटे श्रमदान करके स्वच्छता के इस संकल्प को चरितार्थ करुंगा। - मैं न गंदगी करुंगा न किसी और को करने दूंगा। - सबसे पहले मैं स्वयं से, मेरे परिवार से, मेरे मुहल्ले से, मेरे गांव से एवं मेरे कार्यस्थल से शुरुआत करुंगा। - मैं यह मानता हूं कि दुनिया के जो भी देश स्वच्छ दिखते हैं उसका कारण यह है कि वहां के नागरिक गंदगी नहीं करते और न ही होने देते हैं। -इस विचार के साथ मैं गांव-गांव और गली-गली स्वच्छ भारत मिशन का प्रचार करूंगा। - मैं आज जो शपथ ले रहा हूं, वह अन्य 100 व्यक्तियों से भी करवाउंगा। वे भी मेरी तरह स्वच्छता के लिए 100 घंटे दें, इसके लिए प्रयास करूंगा। - मुझे मालूम है कि स्वच्छता की तरफ बढ़ाया गया मेरा एक कदम पूरे भारत देश को स्वच्छ बनाने में मदद करेगा। |
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